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Saturday, September 1, 2018

मानवता अभी भी जीवित है, आइए इसे मरने न दें।

मैंने लोगों की संवेदनहीनता के बारे में कई ख़बरें देखीं हैं, जो मानवता और समाज के लिए हानिकारक है। हर दूसरे दिन, समाचार चैनल मौके पर उपस्थित लोगों की संवेदनहीनता के कारण सड़क दुर्घटना में पीड़ित की दर्दनाक मौत की खबर दिखाते हैं। हालांकि मैंने हाल ही में कुछ दुर्घटनाएं देखीं जहां लोगों ने मानवता की एक महान भावना दिखाई।
कुछ हफ्ते पहले, मैं वसंत विहार से छतरपुर जा रहा था। मैं वसंत स्क्वायर मॉल के पास एक चौराहे पर  सिग्नल के हरे होने की प्रतीक्षा कर रहा था। जैसे ही  सिग्नल मेरे लिए हरा हुआ और दूसरी तरफ लोगों के लिए लाल हुआ, एक ऑटो रिक्शा (तीन पहिया) चालक ने  यू टर्न लेने की कोशिश की। ऑटो रिक्शा असंतुलित हो गया क्योंकि ड्राइवर गति को नियंत्रित नहीं कर सका और ऑटो रिक्शा पलट गया। वहां पर मौजूद लोगों ने सेकेंडों के भीतर ऑटो रिक्शा उठा दिया और पीड़ितों को निकालने में मदद की। इस घटना के बाद, मुझे लगा कि मानवता अभी भी जीवित है और लोग दूसरों के दर्द को आज भी महसूस करते हैं।
मैंने पिछले हफ्ते एक और दुर्घटना देखी। मैं सुबह ऑफिस जा रहा था। सिग्नल लाल था लेकिन एक बुजुर्ग आदमी बाइक से सिग्नल तोड़ते हुए और दूसरी तरफ के बाइक वाले को टक्कर मार दी और खुद ही सड़क पर गिर गए। वह व्यक्ति, जिस को टक्कर पड़ी थी, खुद को सँभालते हुए ट्रैफिक वॉइलेटर की ओर दौड़ा और उसकी बाइक उठाकर उसे उठने में मदद की।
इन दोनों के अलावा, मैंने कुछ और घटनाएं देखी हैं जहां लोगों ने दूसरों की मदद ऐसे की जैसे कि वे स्वयं के लिए सहायता चाहते थे। मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि हमें दूसरों के दर्द को समझने के इस दृष्टिकोण को जारी रखना चाहिए और इन अवांछित परिस्थितियों को दूर करने में दूसरों की मदद करते रहना चाहिए, इस तरह हम मानवता की भावना को बचा सकते हैं और इस धरती को जीने के लिए एक बेहतर जगह बना सकते हैं।

Sunday, August 12, 2018

धार्मिक आयोजनों के नाम पर अराजकता फैलाकर हिंदुत्व को बदनाम करना बंद करो।

पिछले हफ्ते, श्रावण महीने की महाशिवरात्री के अवसर पर विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित कावड़ यात्रा के दौरान कुछ अराजक घटनाएं हुई हैं। मैंने उन वीडियो को देखा है जहां कुछ असामाजिक मानसिकता के लोग इस पवित्र यात्रा के दौरान अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे थे। इन पवित्र घटनाओं और यात्राओं में इन अराजकतावादियों को भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अब सवाल यह है कि इन घटनाओं में भाग लेने से इन घटिया लोगों को कौन रोकेगा ? जाहिर है यात्रा के आयोजक रोकेंगे। आयोजकों यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके किसी भी आयोजन में आपराधिक मानसिकता का एक भी व्यक्ति उपस्थित न हो क्योंकि यह हर हिंदू की ज़िम्मेदारी है कि वह हिंदुत्व को बदनाम होने से रोके। मैं इनकी हरकतें देखकर हैरान था, आप भी देखिये,
भगवान शिव इस तरह के अराजक और आपराधिक कृत्यों के द्वारा समाज और मानवता को डराने का अधिकार किसी को भी नहीं देते हैं। वह इंसान असली शिवभक्त हो ही नहीं सकता जिसके पास न तो धैर्य है, न क्षमा करने की शक्ति और न ही क्रोध पर नियंत्रण। यदि आप खुद को शिवभक्त समझते हैं, तो पहले उपर्युक्त गुणों का और इंसानियत का पालन करना सीखें। यदि आप किसी भी धार्मिक आयोजन के आयोजक हैं, तो यह सुनिश्चित करना आपकी ज़िम्मेदारी है कि आयोजन में सम्मिलित सभी लोगों में  धैर्य, क्षमा करने की शक्ति और अपने क्रोध पर नियंत्रण हो।
जो लोग सोचते हैं कि वे बहुत शक्तिशाली हैं और वे इन आयोजनों के दौरान अपनी शक्ति दिखाने की कोशिश करते हैं, वे शक्तिशाली नहीं बल्कि डरपोक हैं जो धार्मिक आयोजनों के पीछे खुद को छुपाकर अपने अराजक कृत्यों को अंजाम देते हैं। यदि वे सच में इतने शक्तिशाली हैं तो वे कश्मीर जाकर आतंकवादियों और पत्थरबाजों से क्यों नहीं लड़ते हैं। यदि वे सच में इतने शक्तिशाली हैं तो वे उन नेताओं पर हमला क्यों नहीं करते जो भारत के खिलाफ बोलते हैं। मैं बताता हूँ कि वे ऐसा क्यों नहीं करते क्योंकि उनमे अपने दम पर कुछ करने की हिम्मत है ही नहीं। ये इतने बड़े कायर और डरपोक होते हैं कि भोलेनाथ के भक्तों के पीछे छिपकर निर्दोष लोगों पर हमला करके  उन्हें और हिंदुत्व दोनों को बदनाम करते हैं। यदि आप उनमें से एक हैं, तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि आप बहुत ही घटिया इंसान हैं जो न तो समाज में रहने लायक है न ही हिन्दू कहलाने के लायक हैं और अगर आप उनमें से नहीं हैं और भगवान शिव और हिंदुत्व के असली follower हैं, तो ऐसे लोगों को  पहचानना और उन्हें किसी भी धार्मिक आयोजन, सभा या स्थान से दूर रखना आपकी भी ज़िम्मेदारी है।

Sunday, August 5, 2018

उस मजहब का पालन न करें जो मानव जाति और मानवता के कल्याण से ऊपर खुद को बताता है।

इन दिनों, कुछ समुदायों की धार्मिक मान्यताओं के कारण रोज मानवता का संहार किया जा रहा है और मजहब के नाम पर अपराध को Justify किया जा रहा है जो कि मानवता के लिए घातक है। और इसके लिए ज़िम्मेदार वो हैं जो अपने मजहब के खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठाते हैं। मैंने किसी भी धर्मग्रन्थ को अब तक नहीं पढ़ा है, इसलिए मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं, लेकिन यदि आपका धर्मग्रन्थ  उन बातों का समर्थन करता है जो मानवजाति की लिए नुकसानदेह है, तो आपको उसमे लिखी उस बात को नहीं मानना चाहिए। अगर कोई धर्मगुरु, धर्मग्रन्थ या मजहब मानवता को नुकसान पहुंचाता है तो हमें उसके खिलाफ जाना चाहिए। मानव जाति के कल्याण के लिए अगर आप मजहब के खिलाफ जाते हैं तो ईश्वर आपसे ज्यादा खुश होगा।
यदि आपका मजहब कहता है कि जो इंसान भगवान के उस नाम को नहीं मानता जिसे आप मानते हैं तो उसे  मार देना चाहिए , तो आपको अपने धर्म के खिलाफ जाना चाहिए। यदि आपका मजहब पुरुष  और महिलाओं दोनों को बराबर अधिकार नहीं देता है, तो आपको इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए क्योंकि किसी भी इंसान को वो अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए जिनका दुरूपयोग वो दूसरे लिंग के इंसान पर हावी होने के लिए कर सके। यदि आपका मजहब आपको दूसरे मजहब का सम्मान नहीं करने देता है, तो आपको इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए क्योंकि ये धार्मिक दंगो और अराजकता के जन्मदाता हैं और यह नरसंहार पैदा करता है जो स्पष्ट रूप से मानवता के खिलाफ है। यदि आपकी धार्मिक मान्यताएं आपको किसी इंसान को बिना उसकी बात सुने मारने की इजाजत देता है या मजबूर करता हैं, तो आपको भी अपने मजहब और उसकी मान्यताओं पर पुनर्विचार करना होगा। यदि आपका मजहब किसी व्यक्ति को कई पत्नियां रखने के अधिकार देता है तो उसे एक महिला को कई पति रखने  का अधिकार भी देना चाहिए (बशर्ते महिला की मर्ज़ी के मुताबिक) और यदि आपका मजहब किसी महिला को यह अधिकार नहीं देता है, तो वह मजहब Follow करने के लायक ही नहीं है। यदि आपका मजहब, देश से बड़ा मजहब को मानने के लिए आपको विवश करता है  तो उससे बुरा मजहब कोई नहीं हो सकता। यदि आपका मजहब अन्य मजहबों द्वारा माने जाने वाले ईश्वर के नाम का सम्मान नहीं करता है, तो आपका मजहब आपको गलत Track पर ले जा रहा है क्योंकि ईश्वर केवल एक है, जिसके  कई नाम हैं और यदि आप भगवान के दूसरे नाम का अनादर करते हैं, तो भी आप ईश्वर का ही अपमान कर रहे हैँ।
ऊपर बताए गए सभी Points किसी न किसी तरीके से मानवता के लिए हानिकारक हैं। उनमें से कुछ प्रत्यक्ष और कुछ परोक्ष रूप से महिलाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनमें से कुछ विभिन्न मजहबों के अनुयायियों के आपसी भाईचारे के लिए हानिकारक हैं जिससे  नफरत और अराजकता की उत्पत्ति होती है जिसके फलस्वरूप मानवता को नुकसान पहुँचता हैं। कुछ प्रत्यक्ष हत्याएं करके मानवता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए अपने मजहब का अन्धविश्वास के साथ पालन करने के बजाय बुद्धिमानी से पालन करें और यह सुनिश्चित करें कि मजहब की कोई भी मान्यता, मानवता और मानव जाति को नुकसान न पहुंचा रही हो क्योंकि मजहब और उसके नियम-कानून बनाने वाले भी इंसान ही  थे और क्या पता उन्होंने नियम बताते वक़्त कुछ गलती कर दी हो इसलिए  कृपया अपने मजहब में मौजूद बुराईयों को खत्म करने के लिए उसके खिलाफ खड़े हो जाओ और दुनिया के सबसे अच्छे धर्म की सेवा करें जो कि मानवता है।

Saturday, July 28, 2018

लोग नकारात्मक बातों और कृत्यों के बारे में बात करके, उस पर प्रतिक्रिया करके और उन्हें दूसरों के साथ शेयर करके जो तवज्जो नकारात्मकता को देते हैं उसी के कारण पूरे देश और समाज में नकारात्मकता फैली हुई है।

आज हम अपने देश में हर जगह नकारात्मकता का अनुभव कर रहे हैं। राजनीति, फिल्म उद्योग, बड़े व्यवसायी, और धर्म गुरु, ये सभी हमें नकारात्मकता बेचकर अपनी इरादों में सफल हो रहे हैं लेकिन इनके द्वारा बेचीं हुई नकारात्मकता मानवता को नुकसान पहुंचा रही है। नेता सामाजिक और धार्मिक विवाद पैदा करते हैं जो उन्हें मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद करता हैं लेकिन यही सब समाज में घृणा और अराजकता भी पैदा करता हैं। फिल्म निर्मता और अभिनेता Sexual और असामाजिक Statements और गतिविधियों के द्वारा Controversy करके अपनी फिंल्मे Promote करते हैं लेकिन इस प्रकार की गतिविधियां और बयान युवाओं के सोच को प्रदूषित करते हैं। न्यूज़ चैनल उस सेलिब्रिटी, नेता और धर्म गुरु को ज्यादा फुटेज देते हैं जो अराजक और असामाजिक भाषण और बयान देते हैं। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी नकारात्मक समाचार या बयान को कोई तवज्जो न दें । आपको पता होना चाहिए  कि ये नेता, समाचार चैनल, फ़िल्मी हस्तियां और धर्म गुरु आपके लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि वो अपने अराजक भाषण और बयान आपको बेचकर अपनी दुकानों को चला रहे हैं। वे अपने उद्देश्यों में सफल हो रहे हैं क्योंकि आप वही कर रह हैं जो वो चाहते हैं औरआप वो नहीं कर रहे हैं जो आपको करना चाहिए। सोशल मीडिया पर, आपको ऐसी किसी पोस्ट या समाचार पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए जो घृणा, नकारात्मकता और विवाद फैलती है। अगर वो समाचार या पोस्ट आपको पसंद नहीं है, तो आपको उस पर कमेंट करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्यूंकि जैसे ही आप किसी पोस्ट पर कमेंट करते हैं, आपके Contacts को वो पोस्ट Newsfeed में दिखने लगती है और जब वो उस पर कमेंट करते हैं, तो उनके Contacts को वो पोस्ट Newsfeed में दिखने लगती है और इस तरह आप उस पोस्ट/ समाचार को पसंद न करते हुए भी पूरे देश में उस पोस्ट/ समाचार को फैलाने में उन लोगों की मदद करते हैं। ऐसी बेकार की पोस्ट्स पर react करना तुरंत बंद करें क्योंकि आपको दूसरों को उनके नकारात्मक और दूषित उद्देश्यों को पूरा करने में मदद नहीं करनी चाहिए। बेहतर यह होगा कि आप उन पोस्ट्स और समाचारों को ignore कर दे और सिर्फ उन Posts / समाचारों पर ही  react करें या उन Posts / समाचारों को ही शेयर करें जो समाज की भलाई के लिए हैं। यदि आप उन न्यूज़  चैनलों को देखना बंद कर देते हैं जो अराजक नेताओं, हस्तियों और धर्म गुरुओं को अधिक फुटेज देते हैं, तो उनके चैनल की टीआरपी नीचे जाएगी और वे उन्हें फुटेज देना बंद करेंगे। यदि आप उन फिल्मों को नहीं देखते हैं जो केवल नकारात्मकता दिखाते हैं, तो फिल्म निर्माता वैसी फिल्मे बनाना  बंद कर देंगे। अगर आप उन Songs को सुनना बंद कर देते हैं जो एक लड़की के बारे में बकवास करते हैं, तो संगीतकार इस तरह के संगीत को बनाना बंद कर देंगे। एक और बात, ये सोचना बिलकुल बंद कर दें कि आप अकेले दुनिया को नहीं बदल सकते क्योंकि हर कोई यही सोचता है लेकिन सोचो, कि अगर हर कोई ये सोचने लगे कि वह नकारात्मकता को रोकने के और सकारात्मकता फैलाने के अपने प्रयासों को बंद नहीं करेगा फिर चाहे बदलाव आये या न आये, तो बदलाव अपने आप आ जायेगा।
मेरी राय में, हर इंसान को केवल सकारात्मक समाचार ही देखने चाहिए, सकारात्मक पोस्ट और लोगों के बारे में ही बात करनी चाहिए, सकारात्मक पोस्ट्स पर ही react करना चाहिए और उन्हें ही शेयर  करना चाहिए और नकारात्मक समाचार, पोस्ट और लोगों को पूरी तरह से Ignore करना चाहिए, तभी हम  अपने समाज, देश और इस दुनिया से नकारात्मकता को खत्म कर सकते हैं।

Sunday, July 8, 2018

अगर आप अपने परिवार, दोस्तों और Social Groups में हमेशा समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी के बारे में बात करते हैं, तो वह लोग आपको उस समय संभाल लेते हैं जब आप खुद नैतिकता से विचलित होने लगते हैं।

मुझे कुछ ज़रूरी सरकारी काम है और सभी जानते हैं कि हमे देश में सरकारी काम कराना काफी मुश्किल है। चूंकि मैं एक प्राइवेट कंपनी में एक कार्यरत हूं, तो हमें काम भी करना होता है, इसीलिए मैं कभी भी उनके कहे मुताबिक उनके office में available नहीं हो सकता क्यूंकि हमें पहले से plan करना होता है। इसलिए मुझे सरकारी अधिकारियों से deal  करने के लिए किसी तीसरे बन्दे की जरूरत थी जो मैंने arrange कर लिया। लेकिन, मैंने सोचा की मेरी absense की वजह से अगर उन्हों ने (सरकारी अधिकारी)  मेरा Application Reject कर दिया तो गड़बड़ हो जाएगी, इसलिए मैंने उन्हें रिश्वत देने का विचार किया। मैंने शशी से कहा कि Mediator को बोल दो कि अगर सरकारी अधिकारी पैसों की Demand करे तो दे देना, लेकिन उसने मेरे फैसले का विरोध किया और कहा कि मैं हमेशा रिश्वत से दूर रहने की बात करता हूं लेकिन जब यह मेरे खुद के काम की बात आयी, तो मैं खुद भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित कर रहा हूँ। मुझे उसकी बात पसंद नहीं आयी और हमने काफी देर तक इस बारे में argument किया जहां मैं ये साबित करने की कोशिश कर रहा था कि मैं सही था और वह मुझे यह महसूस कराने  की कोशिश कर रही थी कि रिश्वत देने का मेरा निर्णय गलत था। अंत में, मैं argument जीत गया या शायद उसने मुझे जीतने दिया था। हालांकि, तब तक, मुझे एहसास हो चूका था कि रिश्वत देने का मेरा निर्णय गलत था और मैंने यह विचार छोड़ दिया।
इस तरह उसने मुझे भ्रष्टाचार करने से रोक दिया क्योंकि हम (मैं और शशी) हमेशा बात करते हैं कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए कोई व्यक्ति अपना योगदान कैसे दे सकता है। तो अगर आप अपने आस-पास के लोगों के साथ अच्छी चीजों पर चर्चा करते हैं, तो आप अपने आस-पास एक अच्छा वातावरण बनाएंगे और इससे आपको बुरी गतिविधियों से दूर रहने में मदद मिलेगी जो की मेरे साथ हुआ।

Saturday, June 2, 2018

Protesters को अमानवीय तरीकों का उपयोग करने के बजाय Protest करने के कुछ अच्छे तरीकों का उपयोग करना चाहिए।

मैंने Recently एक खबर सुनी कि किसान इन दिनों protest कर रहे हैं। मैंने उनके Protest पर Comment नहीं किया,  क्योंकि मुझे उनके संघर्ष, चुनौतियों और समस्याओं के बारे में कुछ भी नहीं पता था, लेकिन आज उनका दूध फैलाकर और सड़कों पर सब्जियां फेंककर Protest करने का तरीका देखकर मैं आश्चर्यचकित था। उन्हें खाने की चीज़ों को अपमानजनक तरीके से बर्बाद नहीं करना चाहिए। अगर वे दूध की आपूर्ति को रोकना चाहते थे, तो वे सारा दूध Store कर सकते थे और फिर, वे आवारा जानवरों को ये सारा दूध पिला  कर अपना प्रोटेस्ट दिखा सकते थे। और ये सब प्रोटेस्ट साइट पर ही करना  चाहिए था। ऐसा करके, वे General Public के लिए दूध की आपूर्ति बंद करके सरकार को अपना गुस्सा दिखा सकते थे। वो सारे दूध के Dairy Products बना कर बिना उसे बर्बाद किए हुए भी दूध की आपूर्ति बंद कर सकते थे। और जब आम जनता को बाजार में दूध की कमी महसूस होती तो उन्हें उनकी मांगों पर विचार करने के लिए सरकार को मजबूर करने में मदद मिल सकती थी। इसी तरह, वे सब्जियों और अन्य उत्पादों को आवारा जानवरों या अपने पालतू पशुओं को खिलाकर सरकार को दिखा सकते थे कि वे इन चीजों की बाजार में Supply नहीं कर रहे। लेकिन जैसे वे विरोध कर रहे हैं, उसे देखकर मुझे लगता है कि वे असली किसान हैं ही नहीं। एक असली किसान अपने पैदा किये हुए अनाज और सब्जियों को इतने अपमानजनक तरीके से कैसे बर्बाद कर सकते हैं?

मुझे समझ में नहीं आता कि लोग विरोध करने के लिए इन अमानवीय तरीकों का उपयोग क्यों करते हैं। कभी वे आम जनता और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं तो कभी वे ऐसे काम करना शुरू करते हैं जैसे वे अब कर रहे हैं। ये लोग केवल राजनीतिक दलों को सुनकर उनकी मन का काम करते हैं लेकिन वे अपने दिमाग का उपयोग नहीं करते और यही कारण है जिसकी वजह से हमारा देश पिछड़ेपन से पीछा नहीं छुड़ा पा रहा है