Saturday, July 21, 2018

जो माता पिता अपने बच्चों की खुशियों से ज्यादा महत्व अपनी झूठी इज़्ज़त और शान को देते हैं, उनके जीवन में खुशियों का होना, एक मिथ्या मात्र ही हैं।

पिछले हफ्ते, मैं विभिन्न चैनलों को बदल कर टी. वी. पर एक अच्छा कार्यक्रम या समाचार ढूंढने की कोशिश कर रहा था। मुझे एक धारावाहिक मिला, जिसमें एक लड़की के साथ बलात्कार किया गया था और दूसरी लड़की उसको (बलात्कार पीड़ित) न्याय दिलाने के लिए लड़ रही थी लेकिन पीड़ित का पिता समाज में अपने झूठे आत्म सम्मान को बचाने के लिए उसे रोकने की कोशिश कर रहा था। यह एक टीवी धारावाहिक की कहानी थी लेकिन यह वास्तविक दुनिया में भी होता है। मध्यम वर्ग के परिवारों में, अगर किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ होती है, तो उसके माता-पिता उस लड़की को ही बहार निकलने से मना करते हैं या उसको ही रास्ता बदलने को बोलते हैं, हमारे समाज के लोग लड़की के कपड़ों और उसके रवैये को ही उसके साथ हुई हर छेड़खानी के लिए ज़िम्मेदार बताते हैं और लड़की के माता-पिता अपनी बेटी के साथ खड़े होने की बजाय ढोंगी समाज के साथ खड़े होते हैं। ये वे लोग हैं जो कभी भी अपने जीवन में खुश नहीं रह सकते हैं क्योंकि वे समाज में अपनी झूठी इज़्ज़त के लिए अपने बच्चों के खिलाफ खड़े रहते हैं लेकिन वे इस तथ्य को नजरअंदाज करते हैं कि जो समाज उस लड़की के दर्द को नहीं समझ सकता जिसके साथ छेड़छाड़ या बलात्कार हुआ, वह समाज ज़रूरत के समय उनके (माता-पिता) दर्द को क्या समझेगा।
एक बार मेरी एक दोस्त ने मुझे उसके भाई के द्वारा की गई छेड़छाड़ और उसके माता-पिता द्वारा दी गई नसीहत के बारे में बताया। उसने मुझे बताया कि उसके अपने भाई ने उसके साथ यौन शोषण किया और जब उसने अपनी माँ को इसके बारे में शिकायत की, तो उन्होंने (उसकी माँ) कहा कि वह बड़ा हो रहा था और शायद नींद में ऐसा कर दिया होगा। उन्होंने (उसकी माँ)  उस लड़की को ही उससे सावधान रहने की नसीहत देदी। ये वे माता-पिता हैं जो माता-पिता होने के लायक नहीं हैं। ये वे माता-पिता हैं जो अपने जीवन में खुश रहने के लायक नहीं हैं। इस महिला (उसकी माँ) के पास उसके पूरे परिवार के लिए केवल एक कमरा है, बाकी सभी कमरों को उसने किराये पर चढ़ा रखा है। उसने तीन बच्चों को तो पैदा किया लेकिन उनके सुरक्षित रहने के लिए तीन अलग-अलग कमरे नहीं बनाए और जब उसके बेटे ने उसकी बेटी के साथ यौन शोषण किया, तो उसने अपनी बेटी का समर्थन करने के बजाय अपने बेटे का समर्थन किया। मेरी राय में, इस तरह के माता-पिता अपराधियों से ज्यादा कुछ नहीं हैं। ऐसे माता-पिता सिर्फ दुःख और दुर्भाग्य ही Deserve करते हैं।
हमारे समाज में ऐसे माता-पिता भी हैं जो अपने बच्चों की शादी अपने पसंद की लड़की/लड़के से कराने की ज़िद करते हैं, भले ही वे जानते हों कि उनके  बेटे/ बेटी को दूसरी लड़की / लड़का पसंद है। उन्हें अपने बच्चे की खुशी की परवाह नहीं है बल्कि उन्हें समाज में उनकी झूठी इज़्ज़त की ज्यादा परवाह होती है, इसीलिए वे अपने बच्चे की खुशियों को नजरअंदाज करते हैं और उन्हें किसी और के साथ शादी करने के लिए मजबूर करते हैं जिसे वे (माता-पिता) और उनके समाज के लोग पसंद करते हैं। उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि उनके बच्चे क्या चाहते हैं। हमारे समाज में ऐसे माता-पिता भी हैं जो अपने बच्चे को उसकी पसंद का करियर चुनने में भी Support नहीं करते हैं क्योंकि वे और उनका समाज सोचता है कि वह (बच्चे) अपने पसंद के करियर में सफल नहीं हो सकता है। उन्हें समझ ही नहीं आता कि Failure कोशिश न करने से बेहतर है। वह ये समझने की कोशिश ही नहीं करते की उनके बच्चे को जीवन भर इस बात का पछतावा रहेगा की वह उस काम को करने की कोशिश भी नहीं कर सका जो करने में वह सक्षम है। और जब कोई बच्चा बाग़ी हो जाता है, तो वे अपने बच्चे को ही कोसते हैं लेकिन वे अपने बच्चे की भावना को तब भी नहीं समझते हैं और उनके (माता-पिता) जीवन में ख़ुशी का होना एक मिथ्या मात्र ही बन जाता है। मेरी राय में, माता पिता को बच्चों पर अपनी मर्ज़ी थोपने के बजाय बच्चे को जन्म देने से पहले ही उसके जन्म के बाद आने वाली किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

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