Saturday, December 1, 2018

कुछ बेवकूफ जो खुद को ज्ञानी समझते हैं, जीवन बीमा के झूठी कमियां बताकर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के भविष्य को बर्बाद करने का काम करते हैं।

हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग हैं जो लोगों को जीवन बीमा में अपने पैसे  निवेश न करने के फ़र्ज़ी कारण बताते रहते हैं। वे खुद को बहुत बुद्धिमान समझते हैं और आपको निवेश के विभिन्न विकल्पों को बताएंगे और दावा करेंगे कि उनका विकल्प निवेश करने का सबसे अच्छा विकल्प है। मैंने कुछ लोगों को दूसरों को ये समझाते हुए सुना कि एफडी (FD) जीवन बीमा से बेहतर विकल्प है। उनके अनुसार जीवन बीमा को आपके पैसे को दोगुना करने के लिए 20 से अधिक वर्षों की आवश्यकता होती है जबकि एफडी 8-9 साल के भीतर ही दोगुना कर देता है लेकिन वह लोग एक बात को नज़रंदाज़ कर देते हैं कि एफडी में पूरा पैसा शुरुआत में एक साथ देना पड़ता है जबकि जीवन बीमा में आप आसान किस्तों में अपना पैसा निवेश कर सकते हैं। और जीवन बीमा बीमाकर्ता के परिवार को उसकी मृत्यु होने पर वित्तीय सुरक्षा भी देती है। मैं जीवन बीमा के बारे में लिख रहा हूं क्योंकि मैंने हाल ही में एक घटना के बारे में सुना है जो कि जीवन बीमा से संबंधित है।
मेरी पत्नी शशि LIC की एक बीमा सलाहकार हैं। पिछले हफ्ते वह एक लड़की से मिली  जिसके पति की एक दुर्घटना के कारण मृत्यु हो गई और वह अपने पति की बीमा पॉलिसी के पैसे क्लेम करने के लिए एलआईसी कार्यालय आई थी। शशि ने उसे क्लेम के फॉर्म को भरने में मदद की और जब वह फॉर्म लेकर सेटलमेट डेस्क पर गयी, तो उसे पता चला कि उसके पति ने पालिसी चालू ही नहीं रखी, उसके पति ने पालिसी लेने के 6 महीने बाद ही प्रीमियम भरना बंद कर दिया था जिसके कारण पालिसी लैप्स हो गयी और उसे कुछ भी नहीं मिलेगा। उसने वहीँ पर रोना शुरू कर दिया क्योंकि उसके पति की मृत्यु के बाद उसके ससुराल वालों ने उसे घर से निकाल दिया था। अब वह ये सोच कर परेशान थी कि वो बिना किसी पारिवारिक और वित्तीय सहायता के अपनी और अपने 2 बच्चे को कैसे पालेगी l शशि को उसकी परेशानी महसूस हुई इसलिए उसने अपनी क्षमता के हिसाब से उस लड़की की नैतिक और वित्तीय मदद करने का फैसला किया। उसने उस लड़की को अपना विजिटिंग कार्ड दिया और उसे किसी भी मदद की ज़रूरत होने पे संपर्क करने के लिए कहा। जिससे उस लड़की को शायद कुछ हिम्मत ज़रूर मिली होगी और किसी सुझाव की आवश्यकता होने पर उसने शशि से संपर्क करना भी शुरू कर दिया।
अगर इस लड़की के पति ने इस पालिसी को जारी रखा होता, तो उसे ऐसे दर दर भटकना नहीं पड़ता। मुझे यकीन है कि किसी बेवकूफ ने ही उसके पति को पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान करना बंद करने की सलाह दी होगी क्योंकि मैंने कई लोगों को पॉलिसीधारकों को यह सुझाव देते हुए सुना है  कि बीमा पॉलिसी लाभकारी नहीं है, बीमा पॉलिसी के बजाए कहीं और निवेश करना चाहिए। मेरे विचार में, यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप अपने परिवार की देखभाल करें और अपने पैसे को ऐसे सुनियोजित करें ताकि वह आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार की मदद कर सके। आपको उन्हें आत्मनिर्भर  होने का अवसर प्रदान करके, उन्हें शिक्षा प्रदान करके सशक्त बनाना चाहिए ताकि उन्हें आपकी अनुपस्थिति में उनके अस्तित्व के लिए दूसरों की तरफ न देखना पड़े। जीवन बीमा भी परिवार को आत्मनिर्भर बनाने का एक विकल्प है। यह लड़कीअशिक्षित भी थी जिसके कारण उसे अच्छी नौकरी भी नहीं मिल सकती थी। अगर उसके पिता ने उसे पढ़ाया होता, तो वह एलआईसी सलाहकार भी बन सकती थी जो विकल्प शशि ने उसे शुरुआत में दिया था। अगर उसके पति ने पॉलिसी जारी रखी होती, तो वह पालिसी के पैसे का इस्तेमाल करके कोई छोटा मोटा व्यवसाय शुरू कर सकती थी। इसलिए, मुझे लगता है कि हर किसी को बीमा पॉलिसी में अपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा निवेश ज़रूर करना चाहिए और अगर आपको एक LIC पालिसी की जरूरत है, तो शशि से संपर्क करें, नीचे उसका विज़िटिंग कार्ड है।

सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैं साझा करना चाहता हूं वह ये है कि आपको प्रीमियम का भुगतान न करके अपनी पॉलिसी बीच में ही नहीं बंद करनी चाहिए क्योंकि जब आपके परिवार को पॉलिसी बॉन्ड मिलता है और इसका दावा करने के लिए वो बीमा कार्यालय जाता है, तो उन्हें  ये जानकर और बड़ा झटका लगता है कि आपकी पालिसी बंद हो चुकी है उस महिला के साथ यही हुआ और उसने अपने मृत पति को सबके सामने वहीँ गली देना शुरू कर दिया। उसने अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपना जीवन बीमा करने का भी फैसला किया है।

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