वित्तीय योजना एक सुरक्षित भविष्य की योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन ये योजना अपनी आंखों और दिमाग को खोलकर बनानी चाहिए अन्यथा आपका वित्तीय सलाहकार आपका पैसा लूट सकता है। मैं एक वित्तीय सलाहकार की लूट का शिकार हो चूका हूं क्योंकि मैंने उस पर अन्धविश्वास किया था। मेरी एक मित्र हाल ही में एक वित्तीय सलाहकार के धोखे का शिकार हुई है। अधिकांश वित्तीय सलाहकार सिर्फ अपने कमीशन पर ध्यान देते हैं और ग्राहक के लाभों को अनदेखा करते हैं, चाहे वह स्टॉक मार्केट सलाहकार, बीमा सलाहकार या किसी अन्य वित्तीय क्षेत्र के सलाहकार हों।
शुरुआत में जब मैंने शेयर बाजार में व्यापार करना शुरू किया, तो मुझे व्यापार के बारे में कुछ नहीं पता था, लेकिन ब्रोकरेज हाउस द्वारा मुझे असाइन किये हुए रिलेशनशिप मैनेजर ने मुझसे कहा कि वह बताएगा कि कौन सा ट्रेड लगाना है। मैंने सोचा कि यह मेरे लिए कोई होमवर्क किए बिना मेरा पैसा बढ़ाने के लिए शेयर बाजार में निवेश और व्यापार करने का एक अच्छा अवसर था। वह कॉल करता था और मुझे बताता था कि कॉल एन ट्रेड विकल्प के माध्यम से मुझे कौन सा ट्रेड खोलना चाहिए। मैंने वही किया और कुछ दिनों के बाद उसने कॉल करना बंद कर दिया। मैंने कई बार उससे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उसने कभी जवाब नहीं दिया। मैंने बाद में ब्रोकरेज फर्म की सपोर्ट टीम से संपर्क करने का फैसला किया। जब मैंने उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने मुझे बताया कि मैंने अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जो पैसा डाला था, वो गवां चूका था और तब मुझे पता चला कि उस रिलेशनशिप मैनेजर ने मुझे कॉल करना क्यों बंद कर दिया था। उसका मकसद केवल मेरे व्यापारों के माध्यम से कमीशन कमाना था क्योंकि ब्रोकरेज हाउस अपना कमिशन ज़रूर लेते हैं चाहे ट्रेडर को बेशक नुकसान हुआ हो।
इसी तरह, मेरी एक मित्र अनुू के साथ हाल ही में उसके बीमा सलाहकार ने फ्राड किया। उसने पॉलिसी बंद करने में मदद करने के लिए अपने बीमा सलाहकार से बात की। उसके सलाहकार ने उसे बताया कि यदि वह पॉलिसी बंद करेगी, तो पेनल्टी लगाई जाएगी। उसके बाद, उसने उससे कम प्रीमियम वाली एक पालिसी खरीदने के लिए कहा और कहा कि नई पालिसी लेने से पुरानी पालिसी बंद करने पर लगने वाली पेनल्टी वेव ऑफ हो जाएगी। उसने वही किया और सोचा कि उसने एक अच्छी धनराशि बचाई लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ था। उनके बीमा सलाहकार ने उसे नई बीमापोलिसी बेच दी और कहा कि वह पुरानी पालिसी बंद करवा देगा। उसे अनुू की नई पालिसी का कमीशन मिल गया लेकिन उसने अनु पुरानी पालिसी बंद नहीं करवाई। अनु को ये तब पता चला कि उनकी पुरानी पालिसी बंद नहीं हुई है जब दोनों पॉलिसीज के लिए उसके खाते से पैसे कट गये। जब मैंने इस घटना के बारे में शशि (मेरी पत्नी जो एक बीमा सलाहकार है) को बताया, उसने मुझे बताया कि एक बीमा सलाहकार पॉलिसी रद्द नहीं कर सकता है, बल्कि ये काम पॉलिसी धारक द्वारा केवल बीमा कंपनी की शाखा में जाकर ही किया जा सकता है। उसने मुझे यह भी बताया कि अगर ऐसी कोई धोखाधड़ी किसी के साथ होती है, तो वो बीमा कंपनी के शाखा कार्यालय में उस सलाहकार के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं और सलाहकार का एजेंसी कोड लिखना न भूलें जिसका उल्लेख आपकी पहली प्रीमियम रसीद पर होता है। इसके बाद भी यदि बीमा कंपनी इस मुद्दे को हल नहीं कर रही है, तो अपनी शिकायत आईआरडीए के साथ दर्ज करें।
तो कहने का मतलब यह है कि आपको किसी भी वित्तीय सलाहकार पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि खुद भी थोड़ी रिसर्च करनी चाहिए और यदि उसके बाद भी आप किसी धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं, तो शांत मत बैठें, शिकायत करें और अपने अधिकार के लिए तब तक लड़ें जब तक आपको शिकायत का हल नहीं मिल जाता।
“This post is the Hindi Version of my previous post”