Monday, October 22, 2018

आत्म अनुशासन जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। अनुशासनहीनता की कीमत आपकी ज़िन्दगी भी हो सकती है।

हाल ही में दशहरा उत्सव के दौरान अमृतसर में एक बड़ी ट्रेन दुर्घटना हुई है। शुक्रवार को जब लोग रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े थे तब एक तेज़ रफ़्तार ट्रैन से कुचले जाने के कारण 59 से ज्यादा लोग मारे गए और 72 घायल हो गए। कई लोगों ने ड्राइवर द्वारा ट्रैन को न रोके जाने पर सवाल खड़े किये तो कुछ ने आयोजकों पर सवाल उठाये और कुछ ने कहा कि नवजोत कौर दोषी है। हर जगह लोग उन लोगों पर सवाल उठा रहे थे जिनकी ज़िन्दगी खतरे में नहीं थी, लेकिन जिनकी ज़िन्दगी खतरे में थी उनका क्या, उन्होंने अपने जीवन की देखभाल क्यों नहीं की ? जिन लोगों की मृत्यु हो गई या जो घायल हुए उन्हें ही अपने जीवन की परवाह नहीं थी, तो वे दूसरों से अपने जीवन की परवाह करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?


रेलवे क्रॉसिंग पर हर जगह लिखा होता है की पार करने से पहले दोनों तरफ देखें। यह रेलवे पटरियों के आस पास हर जगह लिखा जाता है कि रेल की पटरी पर जाना खतरनाक हो सकता है लेकिन फिर भी, वे रेलवे ट्रैक पर खड़े थे। इसे आत्म अनुशासन की कमी कहा जाता है। जब आप जानते हैं कि रेलवे ट्रैक पर जाना खतरनाक हो सकता है, तो आप वहां क्यों खड़े होते हैं? हमारे देश के लोग इतने अनुशासनहीन हैं कि सभी नियम, विनियम और चेतावनियां उनके लिए बेकार हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि कहीं भी लिखी गयी चेतावनी उनकी खुद की सुरक्षा के लिए है और उसका बिना किसी दबाव के पालन करना ही आत्मअनुशासन कहलाता है। उन्हें समझना चाहिए कि नियम उनकी सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं और बिना किसी दबाव के उनका पालन करना ही आत्मअनुशासन कहलाता है। इसलिए यदि वे स्वयं अनुशासित होते, तो वे रेलवे ट्रैक पर नहीं खड़े होते और उस दुर्घटना से बच जाते। सरकारों, सिस्टम्स और ओर्गनइजेशन्स को दोषी मानने से दुर्घटनाओं को खत्म करने में मदद नहीं मिलेगी, बल्कि आपको दुर्घटनाओं से बचने के लिए स्वयं अनुशासित होना होगा।
मैंने देखा है कि लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। सिग्नल लाल होने पर भी वे अपने पैर एक्सेलरेटर से नहीं हटाते हैं। मैंने भारी ट्रैफिक क्षेत्रों में पैदल यात्रियों को सड़क पार करते देखा है, भले ही सिग्नल वाहनों के लिए हरा है और उनके लिए लाल है। मैंने लोगों को रेड लाइट पर रुकने से बचने के लिए फुटपाथ पर बाइक चलाते देखा है। मैंने रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक बंद होने पर भी लोगो को पार करते हुए देखा है। इसलिए अगर लोग स्वयं अनुशासित होंगे तो नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे, नतीजतन, दुर्घटनाएं और उनसे होने वाली मौतें कम होंगी।