Sunday, May 27, 2018

अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो भी Petrol Prices के कम होने की कोई Guarantee नहीं है ।

पिछले Satarday, जब मैं कुछ Shares के Charts check कर रहा था, मैंने कच्चे तेल का chart भी देखा मैंने देखा, कि पिछले 08-09 महीनों में यह लगभग 50% बढ़ गया है। इत्तेफ़ाक़ से, उसी समय, एक news channel पे बढ़ते Petrol Price पर News चल रही थी, तो मैंने एक पोस्ट शेयर कर दी. मैंने लिखा,

“Petrol price is up because crude oil is up. लोग कहेंगे, कि मोदी ने rates बढ़ा दिए पर आपको अपना दिमाग भी लगाना है

मैंने ये पोस्ट डाली क्योंकि मैं प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को सपोर्ट करता हूं और मैं नहीं चाहता कि उनके Sopporters कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी के चलते, बढ़ते हुए Petrol Price के कारण आने वाले चुनावों में उन्हें सत्ता से बाहर कर दें। उस पोस्ट के बाद मुझे कुछ Abusive comments मिले और उन trollers ने कहा कि भक्त short term memory loss होते हैं और मुझे वर्तमान में कच्चे तेल की कीमतों की तुलना वर्ष 2014 से पहले कच्चे तेल की कीमतों के साथ करनी चाहिए। इसलिए मैंने सोचा  कि मैं भारत में पेट्रोल की कीमतों पर थोड़ी सी study करूँगा, और मैंने केवल 2014 में इसकी कीमतों को compare किया बल्कि मैंने वर्ष 1989 से अब तक की इसकी कीमतों को भी देखा। मैंने देखा कि पेट्रोल की कीमत में मौजूदा वृद्धि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते हो रही है और मुझे यह भी पता चला कि 2014 से पहले कच्चे तेल की कीमत मौजूदा कच्चे तेल की कीमतों की तुलना में अधिक थी। और, मुझे यह भी पता चला कि सभी सरकारें बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों के साथ पेट्रोल की कीमतें भी बढ़ाती हैं, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते उनमें से कोई भी पेट्रोल की कीमतों को कम नहीं करता।

15 अक्टूबर 1990 में, जब श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह (जनता दल से) प्रधान मंत्री थे, तो कच्चे तेल की कीमतें 105% बढ़ी और पेट्रोल की कीमतें 43.88% बढ़ीं। और उसके बाद, जब कांग्रेस सत्ता में आई और 1994 में ,श्री पामुलापर्ती वेंकट नारसिम्हा राव प्रधान मंत्री थे तब कच्चे तेल की कीमतों में  60% की गिरावट आईं थी लेकिन फिर भी पेट्रोल की कीमतें 37.20% बढ़ी थी। जब डॉ मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री थे, तब  कच्चे तेल की कीमतें 196% बढ़ीं और पेट्रोल की कीमतें 118% बढ़ी, जो acceptable था। मैंने कुछ डाटा भी निकला है, आप देख सकते हैं:


और उसके बाद, जब श्री नरेंद्र मोदी 2014 में सत्ता में आए, तो कच्चे तेल की कीमतें गिरीं और पेट्रोल की कीमतें भी गिरीं, लेकिन उतना नहीं गिरीं जितना ये कच्चे तेल के बढ़ने के साथ बढ़ी थीं। और अब, जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है, तो पेट्रोल की कीमतें फिर से बढ़ी हैं। नीचे दिया गया डेटा देखें:


इस सब से ये पता चलता है कि जब कच्चे तेल की गिरावट होती है तब तो कांग्रेस और ही बीजेपी, कोई भी पेट्रोल की कीमतें कम नहीं करते, लेकिन दोनों कच्चे तेल के कीमतें बढ़ने पे पेट्रोल की कीमतें बढ़ाते हैं। अब मैं ये सोचता हूँ कि कांग्रेस को ये सोचकर वोट क्यों देना चाहिए कि वो Petrol prices कम करेंगे जबकि मैं जनता हूँ कि 1994 में कांग्रेस ने पेट्रोल की कीमतों में कटौती नहीं की थी बल्कि बढ़ाई  थी जबकि कच्चे तेल की कीमतें 60% गिरी थी ? मुझे लगता है कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी हमारे देश के कल्याण और विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इसलिए मैं चाहता हूँ कि मोदी जी के Supporters पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कांग्रेस को vote करें और अगले चुनाव में भी बीजेपी को ही वोट करें क्यूंकि कांग्रेस भी Petrol Price कम नहीं करेगी। जब एक troller मुझे 2014 में पेट्रोल और कच्चे तेल की कीमतों को देखने के लिए कह सकता है, तो वह खुद 1994 में पेट्रोल की कीमतों और कच्चे तेल की कीमतों को क्यों नहीं देख सकता?

मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि हमें फिर से नरेंद्र मोदी को वोट देना चाहिए क्योंकि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो भी पेट्रोल  की कीमतों पर कटौती की कोई गारंटी नहीं है लेकिन अगर मोदी जी सत्ता में बने रहते हैं तो वो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।